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Vitt Vidheyak Aur Dhan VIdheyak (वित्त विधेयक और धन विद्येयक)

* वित्त विधेयक और धन विद्येयक *



धन विधेयक :

  • लोकसभा अध्यक्ष को ही यह निर्णय करने की शक्ति है कि कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं। 
  • अनुच्छेद-110 के अनुसार धन विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति से लोकसभा में पेश किया जाता है। 


धन-विधेयक की प्रक्रिया :

  • अनुच्छेद-109 में धन-विधेयक की प्रक्रिया के विषय में उपबंध है। 
  • लोकसभा द्वारा पारित किए जाने के बाद इसे राज्यसभा में भेजा जाता है। 
  • जब राज्यसभा को विधेयक पेश भेजा जाता है, तब उसके साथ लोकसभा अध्यक्ष का यह प्रमाण पत्र संलग्न होता है कि यह विधेयक धन विधेयक ही है। 
  • राज्यसभा को धन विधेयक के संबंध में बहुत कम अधिकार हैं, राज्यसभा लोकसभा द्वारा पारित धन विधेयक में संशोधन नहीं कर सकती लेकिन उसके संबंध में अपनी सिफारिश दे सकती है। 
  • यह लोकसभा पर निर्भर करता है कि वह राज्यसभा की सिफारिश को स्वीकार करें या न करें यदि लोकसभा राज्यसभा की किसे सिफारिश को स्वीकार नहीं करती या अस्वीकार करती है तो दो दोनों स्थिति में विधेयक को पारित किया गया माना जाएगा। 
  • उसके अतिरिक्त राज्यसभा धन विधेयक को अपने यहां 14 दिन से अधिक नहीं रोक सकती। 
  • यदि राज्यसभा धन विधेयक को 14 दिन से अधिक रोकती है तो विधेयक को उस रूप में पारित माना जाएगा जिस रूप में लोकसभा ने पारित किया था। 
  • धन विधेयक पर राष्ट्रपति अपनी सहमति देने के लिए बाध्य है तथा उससे पुनर्विचार हेतु नहीं लौटा सकता क्योंकि यह विधेयक उन्हीं की सहमति से पेश किया जाता है। 
  • राष्ट्रपति के समक्ष विधेयक प्रस्तुत करते समय लोकसभा अध्यक्ष विधेयक पर यह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है कि यह विधेयक धन विधेयक है। 


वित्त विधेयक :

  • संविधान का अनुच्छेद-112 वित्त विधेयक को परिभाषित करता है। 
  • जिन वित्तीय प्रस्तावों को सरकार आगामी वर्ष के लिए सदन में प्रस्तुत करती है उन्हें वित्तीय प्रस्तावों को मिलाकर वित्त विधेयक की रचना होती है। 
  • इस प्रकार जब धन विधेयक में कानूनी प्रावधान जोड़ दिया जाता है तो उसे वित्त विधेयक कहा जाता है।

  • वित्त विधेयक को केवल लोकसभा में प्रस्तुत किया जाता है और वित्त विधेयक के संबंध में राज्य सभा तथा लोकसभा को वही शक्तियां प्राप्त है जो धन विधेयक के संबंध में है। 
  • वित्त विधेयक को पारित करने में तथा अधिनियमित करने में उसी प्रक्रिया का अनुसरण किया जाता है जिसका अनुसरण धन विधेयक के संबंध में किया जाता है। 

  • वित्तीय वर्ष वित्त विधेयक में बहुत से उपबंध होते हैं परंतु उसे धन विधेयक समझा जाता है क्योंकि अध्यक्ष के प्रमाण पत्र और पृष्ठांकन में उसे धन विधेयक कहा जाता है। 


संसद की विधायी प्रक्रिया



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