* चन्द्रगुप्त-द्वितीय के 9-रत्न *
चन्द्रगुप्त-द्वितीय विद्वानों का आश्रयदाता था।
उसके दरबार में 9 विद्वानों की एक मण्डली रहती थी, जिसे 9-रत्न कहा गया है।
- वेतालभट्ट
- कालिदास
- घटकर्पर
- वररुचि
- अमरसिंह
- शंकु
- वराहमिहिर
- धनवन्तरि
- क्षपणक
TRICK: वेताल ने कल घटा के लिए वर खोजा, पर अमर को शंका है कि वर धन क्षीण कर देगा।
वेतालभट्ट |
वेताल ने |
कालिदास |
कल |
घटकर्पर |
घटा के लिए |
वररुचि |
वर खोजा पर |
अमरसिंह |
अमर को |
शंकु |
शंका है कि |
वराहमिहिर |
वर |
धनवन्तरि |
धन |
क्षपणक |
क्षीण कर देगा |
वेतालभट्ट:-
- वेतालभट्ट एक संस्कृत भाषा के एक लेखक थे।
- उन्होंने 16-श्लोक, "नीति-प्रदीप" की रचना की थी।
कालिदास:-
- संस्कृत साहित्य के एक महान कवि थे।
- उनकी रचनाएँ हैं:-
- ऋतुसंहारम
- मेघदूतम
- कुमारसंभवम्
- रघुवंशम (महाकाव्य)
- अभिज्ञान शाकुंतलम् - नाटक (सर्वश्रेष्ठ कृति)
- मालविकाग्निमित्रम् - नाटक
- विक्रमवर्षीय - नाटक
घटकर्पर:-
- संस्कृत साहित्य के कवि थे रचना
- घटकर्पर-काव्य की रचना की (22 कविताओं का संग्रह)
वररुचि:-
- संस्कृत साहित्य के विद्वान
अमरसिंह:-
- अमरकोश की रचना की
धनवंतरी:-
- आयुर्वेद के जनक
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