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मौलिक अधिकार क्या है और उसकी विशेषताएँ

* मौलिक अधिकार क्या है और उसकी विशेषताएँ *


मौलिक अधिकार क्या है:-

  • मौलिक अधिकारों को वह अधिकार हैं, जो व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास लिए आवश्यक हो। 
  • यह अधिकार व्यक्ति के बौद्धिक, नैतिक, और आध्यात्मिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। 

Maulik-Adhikar
Maulik-Adhikar


मौलिक अधिकारों की विशेषताएं :-

  • इतना व्यापक वर्णन विश्व के किसी भी लिखित संविधान में नहीं किया गया है।


संविधान के 23 अनुच्छेदों में अन्तर्विष्ट मूल अधिकारों की निम्नलिखित विशेषताएं हैं :-

  • सामान्यतः सभी मूल अधिकार केवल राज्यों के विरुद्ध व्यक्तियों को प्रदान किए गए हैं जबकि कुछ अधिकार ऐसे हैं जो व्यक्तियों के विरुद्ध भी प्रदान किए गए हैं। व्यक्तियों के विरुद्ध प्रदान किए गए मूल अधिकार हैं :-

    1. "धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर सार्वजनिक स्थानों में विभेद का प्रतिषेध।[अनुच्छेद -15(2) के आधार पर]
    2. अस्पृश्यता के चलन का प्रतिषेध। [अनुच्छेद 17 के आधार पर] 
    3. मानव के दुर्व्यापार तथा बलात श्रम का प्रतिषेध। [अनुच्छेद 23 के आधार पर] 
    4. कारखानों आदी में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध। [अनुच्छेद 24 के आधार पर]


  • कुछ मूल अधिकार जो केवल भारतीय नागरिकों को दिए गए हैं। [अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, 30]  से दिए गए मूल अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को दिए गए हैं। वे हैं :

    1. नागरिकों के मध्य केवल मूल वंश, जाति, लिंग, जन्म स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध। [अनुच्छेद 15 के आधार पर] 
    2. राज्य के अधीन सेवाओं में अवसर की समता का अधिकार। [अनुच्छेद 16 के आधार पर] वाक् स्वातंत्रय आदी विषयक कुछ अधिकार। [अनुच्छेद 19 के आधार पर] 
    3. अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण। [अनुच्छेद 29 के आधार पर]
    4. शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार [अनुच्छेद 30 के आधार पर] 


उक्त पांचों के अतिरिक्त भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों को जो भारत के नागरिक ना हो को भी संविधान में दिए गए सभी मूल अधिकार प्राप्त हैं। 


  • मूल अधिकारों पर युक्तियुक्त निर्बंधन (पाबन्दी) लगाए जा सकते हैं, ताकि व्यक्तिगत अधिकारों को जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए सीमित किया जा सके। निर्बंधन (पाबन्दी) युक्तियुक्त है या नहीं इसका निर्णय न्यायालय करता है। 

  • अनुच्छेद 20 तथा 21 में दिए गए मूल अधिकारों (अपराधों के लिए दोष सिद्धि के संबंध में संरक्षण तथा प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण) को छोड़कर सभी मूल अधिकार राष्ट्रीय आपातकाल में निलंबित हो जाते हैं। 

  • राष्ट्रीय आपातकाल में अनुच्छेद 19 में दिए गए मूल अधिकार (वाक् स्वातंत्रय आदि विशषक कुछ अधिकार) स्वतः निलंबित हो जाते हैं। जबकि अन्य मूलाधिकार राष्ट्रपति के आदेश से निलंबित होते हैं। 

  • मूल अधिकारों का निलंबन किया जा सकता है लेकिन संविधान से उन्हें निकाला नहीं जा सकता। 
  • संविधान में दिए गए अधिकारों में से कुछ नकारात्मक है क्योंकि ये राज्य की शक्ति को सीमित करते हैं जैसे अनुच्छेद 15 में वर्णित मूल अधिकार, जबकि कुछ अधिकार सकारात्मक है जो नागरिकों की स्वतंत्रताएं प्रदान करती हैं जैसे अनुच्छेद -19 में दिए गए मूल अधिकार। 

  • मूल अधिकारों का अल्पीकरण नहीं किया जा सकता। इसे अल्पीकरण करने वाली विधियां अल्पीकरण करने की सीमा तक शून्य होती हैं। 

  • मूल अधिकारों के उल्लंघन की स्थिति में उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर राहत (अनुतोष) प्राप्त किया जा सकता है। 

  • जिन व्यक्तियों को मूल अधिकार प्रदान किया गया है, वे उनका अधित्याग नहीं कर सकते।  



मौलिक अधिकार किस देश से लिया गया है :-

मौलिक अधिकार संयुक्त राज्य अमेरिका से लिया गया। है 






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