सिंधु घाटी सभ्यता :
Chapter -1
सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है, चुकि हड़प्पा ही सबसे पहले खोजा गया नगर था।
हड़प्पा नगर की खोज 1921 ई. में दयाराम साहनी ने की थी।
आज से लगभग 100 वर्ष पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता प्रकाश में आया |
- पूर्व हड़प्पा काल :3300-2500 ई॰पू॰
- परिपक्व काल: 2600-1900 ई॰पू॰
- उत्तरार्ध हड़प्पा काल: 1900-1300 ई॰पू॰
- लिपि : बास्त्रोफेदन (पहले दाएं से बाएं और फिर बाएं से दाएं लिखी जाती थी)
- यह एक कांस्ययुगीन सभ्यता है |
आज से लगभग 100 वर्ष पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता प्रकाश में आया :-
- 1856 में रेल लाइन बिछाने के काल में यह सभ्यता पहली बार प्रकाश में आया था |
- इस अज्ञात सभ्यता की खोज का श्रेय रायबहादुर दयाराम साहनी को जाता है।
- दयाराम साहनी सन 1921ई. में जॉन मार्शल के नेतृत्व में हड़प्पा की खुदाई करवाई थी |
- 1922 में राखालदास दास बैनर्जी ने ---- मोहनजोदड़ो की खोज की |
- उस समय यह मान लिया गया की यह सभ्यता सिंधु नदी के आस पास ही विकसित थी।
- इसलिए इसका नाम "सिंधु घाटी सभ्यता" रखा गया।
सिंधु घाटी सभ्यता को आद्य ऐतिहासिक काल में सम्मिलित किया जाता है :-
- इस काल के लिखित और पुरातात्विक दोनों साक्ष्य मिलते हैं।
- परन्तु हड़प्पाई लिपि अब तक अपठनीय है।
- जिस कारण लिखित साक्ष्य होने के बावजूद उसे पढ़ा नहीं जा सका है।
महत्वपूर्ण तथ्य :
- हड़प्पा सभ्यता का क्षेत्रफल == 1299600 वर्ग कि.मी.
- हड़प्पा सभ्यता का आकार == त्रिभुजाकार
- सर्वाधिक पश्चिमी नगर == सुत्कागेंडोर (बलूचिस्तान)
- सर्वाधिक पूर्वी नगर == आलमगीरपुर (मेरठ)
- सर्वाधिक उत्तरी नगर == मांडा (जम्मू-कश्मीर)
- सर्वाधिक दक्षिणी नगर == दायमाबाद (महाराष्ट्र)
0 Comments