* शिवाजी एवं बीजापुर का संघर्ष *
शिवाजी-अफ़ज़ल-खां |
- बीजापुर के सुल्तान, मुगलों से मुक्त होकर शिवाजी की शक्ति को दबाने के लिएअपने योग्य सेनापति-अफजल खां को सितंबर 1659 शिवाजी को पराजित करने के लिए भेजा।
- अफजल खान को यह पता था कि शिवाजी को उसकी जटिल भौगोलिक स्थिति के कारण पकड़ना कठिन है।
- अतः उसने कूटनीति के तहत अपने एक दूत "कृष्णजी भास्कर" को शिवाजी के पास भेजा।
- शिवाजी ने उस दूत को अपनी तरफ मिलाकर अपने विरुद्ध षड्यंत्र को जान लिया।
- अफजल खान और शिवाजी 2 नवंबर 1959 को प्रतापगढ़ के दक्षिण में स्थित वार नामक स्थान पर मिले।
- अफ़ज़ल खान लम्बे कद का था, उसने शिवाजी को गले लगाया और खंजर से पीठ पर हमला किया।
- कवच पहने होने के कारण शिवाजी को उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
बगनखा |
शिवाजी को औरंगजेब ने कहाँ कैद करके रखा था ?
शिवाजी-अफ़ज़ल खां |
- तब शिवाजी ने बदले में अपने छुपा कर पहने हुए बगनखा से अफ़ज़ल खां के पेट को चीर कर उसकी हत्या कर दी और 10लाख रुपए के आभूषणों पर अधिकार कर लिया।
- इतिहास में इस युद्ध को "प्रतापगढ़ के युद्ध" के नाम से जाना जाता है।
- इस विजय के बाद शिवाजी ने कोंकण, कोल्हापुर और पन्हाला किले पर अधिकार कर लिया और ढेर सारे खजाने, गोला बारूद, हाथी, घोड़े एवं ऊंट के साथ जनवरी 1660 में वापस रायगढ़ आ गए।
- शिवाजी की सफलताओं से भयभीत होकर बीजापुर के सुल्तान ने एक शांति समझौता किया।
- समझौते की शर्त के अनुसार बीजापुर के शासक ने शिवाजी को एक स्वतंत्र शासक मान लिया।
- इसके बदले शिवाजी ने बीजापुर के सुल्तान को "पन्हाला" और "चाकन" के किले वापस कर दिया।
पुरंदर की संधि क्या थी ? और उसकी प्रमुख शर्तें क्या थी ??
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