कुछ दिनों पश्चात शिवाजी ने मुगल सम्राट औरंगजेब को पत्र लिखकर कहा कि यदि औरंगजेब उसे (शिवाजी) को क्षमा कर दें तो वह अपने पुत्र शम्भाजी को पुनः मुगल सेवा में भेज सकता है।
औरंगजेब ने शिवाजी की इन शर्तों को स्वीकार कर लिया और उसे राजा की पदवी प्रदान की।
1667 से 1669 के बीच 3 वर्षों का उपयोग शिवाजी ने विजित प्रदेशों को सुदृढ़ करने और प्रशासन के कार्यों में बिताया।
1670 में शिवाजी ने "पुरंदर की संधि"का उल्लंघन करते हुए मुगलों को दिए गए 23 किलो में से अधिकांश को पुनः जीत लिया।
शिवाजी
तानाजी मालसुरे द्वारा जीता गया "कोंडाना का किला" जिसका फरवरी 1670 में शिवाजी ने नाम बदलकर "सिंघनगढ़" रख दिया था सर्वाधिक महत्वपूर्ण किला था।
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