* राज्यसभा के पदाधिकारी *
राज्यसभा के निम्नलिखित पदाधिकारी होते हैं :-
- सभापति
- उपसभापति
- अन्य व्यक्ति
Rajy-Sabha-ke-Padadhikari |
1) राज्यसभा का सभापति और उनके कार्य :-
- भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।
- सभापति --- राज्यसभा के नए सदस्यों को पद का शपथ दिलाता है।
- सभापति ही --- राज्यसभा की कार्यवाही के संचालन तथा सदन में अनुशासन बनाए रखने के लिए उत्तरदाई होता है।
2) राज्यसभा का उपसभापति और उनके कार्य :-
- राज्यसभा के सदस्य अपने सदस्यों में से किसी को अपना उप सभापति चुनेगी।
- उपसभापति को केंद्रीय राज्य मंत्री के सम्मान भत्ता दिया जाता है (14 मई 2002 को संसद द्वारा पारित विधेयक के अनुसार)।
- उपराष्ट्रपति द्वारा कार्यकारी राष्ट्रपति के रूप में कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान, राज्यसभा के सभापति के रूप में दायित्वों का निर्वहन किया जाता है।
उपसभापति का पद रिक्त होना :-
उपसभापति का पद निम्नलिखित स्थिति में रिक्त हो सकता है ---
- उपसभापति राज्यसभा के सभापति को अपना त्यागपत्र देगा।
- राज्यसभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा अपने पद से हटा दिया जाए।
- लेकिन ऐसा कोई संकल्प तब तक नहीं किया जाएगा जब तक कि इस संकल्प को प्रस्तावित करने के कम से कम 14 दिन पूर्व सूचना न दी गई हो।
3) अन्य व्यक्ति :-
- जब सभापति, उपसभापति दोनों अनुपस्थित हों, तो राज्यसभा के सभापति के कार्यों का निर्वहन वह सदस्य करेगा जिसे राष्ट्रपति नियुक्त करे।
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