* पंचायती राज व्यवस्था *
संविधान के भाग-4 नीति निदेशक तत्व में पंचायती राज्य
व्यवस्था स्थापित करने के लिए निर्देश दिया गया है।
पंचायती राज व्यवस्था, ग्रामीण स्थानीय स्वशासन का
सूचक है।
संविधान संशोधन अधिनियम-1992 द्वारा इसे संवैधानिक दर्जा दिया गया है।
संविधान की 7वी अनुसूची में वर्णित
"राज्य-सूची" में, 5वीं प्रविष्टि स्थानीय स्वशासन से संबंधित है
पंचायती राज व्यवस्था का विकास
पंचायत स्थापना के लिए निम्नलिखित
समितियों का गठन किया हुआ था :-
- बलवंत राय मेहता समिति (1957)
- अशोक मेहता समिति (1977)
- जी.वी.के. राव समिति (1985)
- एल.एम. सिंघवी समिति (1986)
- पी.के. थुंगन समिति (1988)
- व्ही एन. गाडगिल
समिति (1988)
1) बलवंत राय मेहता समिति (1957) :
इस समिति ने अपनी रिपोर्ट नवंबर 1957 को प्रस्तुत की, जिसमें जनतांत्रिक विकेंद्रीकरण योजना स्थापित करने की सिफारिश की गई थी। इसके बाद में पंचायत इसे बाद में पंचायती राज व्यवस्था कहा जाने लगा।
इस समिति ने 3 स्तरीय पंचायती राज प्रणाली की स्थापना की सिफारिश की। वें हैं
:--
ग्राम स्तर पर - ग्राम पंचायत
ब्लॉक स्तर पर - पंचायत समिति और
जिला स्तर पर - जिला परिषद
पंचायती राज की शुरुआत हुई --- 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान
के नागौर जिले से
द्वारा --- तत्कालीन
प्रधानमंत्री -"माननीय पीवी नरसिम्हा राव" द्वारा
2) अशोक मेहता समिति 1977 :-
पंचायत राज संस्थाओं के संबंध में अशोक मेहता की
अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की गई।
इस समिति ने तीन स्तरीय पंचायती राज
प्रणाली के स्थान पर दो स्तरीय पंचायती राज प्रणाली के लागू करने हेतु सिफारिश की।
जिला स्तर पर - जिला परिषद तथा
इसके नीचे मंडल जिसमें 20000 की आबादी वाले गांवों को
शामिल किया गया है।
3) जीवीके राव समिति (1985) :-
इसकी अध्यक्षता में गठित समिति में विकेंद्रित आयोजनों
की प्रक्रिया में पंचायत राज संस्थाओं को जोड़ने की सिफारिश की।
4) एलएम सिंघवी समिति (1986) :-
इस समिति ने सिफारिश की कि -पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक रूप से मान्यता दी जाए।
5) पीके थंगल समिति (1988) :-
इस समिति ने पंचायती राज्य संस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के
लिए सुझाव दिए।
6) पीएन गाडगिल समिति (1988) :-
तत्कालीन सरकार ने इस समिति को पंचायत राज संस्थाओं को
प्रभावकारी बनाने के लिए सुझाव देने का कार्य सौंपा।
वित्त विधेयक और धन विद्येयक
73वां संविधान (संशोधन) अधिनियम -1992
गाडगिल समिति की सिफारिश के आधार पर 73वां संविधान संशोधन अधिनियम 1992 पारित किया गया।
इस अधिनियम द्वारा भारतीय संविधान में भाग-9 को जोड़ा गया जिसका शीर्षक "पंचायत" रखा गया है।
इसमें अनुच्छेद - "243 से 243 -O" तक में प्रावधान किए गए हैं।
संविधान में 11वीं अनुसूची भी जोड़ी गई, जिसमें पंचायतों के कार्य हेतु
"29 विषय" हैं।
यह अनुच्छेद राज्य के नीति निर्देशक
सिद्धांतों का एक अंग है तथा इस अधिनियम ने संविधान के अनुच्छेद-40 को व्यवहारिक रूप दिया है।
पंचायती राज संविधान की सातवीं अनुसूची के अंतर्गत
राज्य-सूची में शामिल किया गया है।
73वां संविधान संशोधन विधेयक :-
लोकसभा द्वारा पारित --- 22 दिसंबर 1992 को
राज्यसभा द्वारा पारित --- 23 दिसंबर 1992 को
राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित
--- 20 अप्रैल 1993 को
अधिनियम लागू एवं प्रभावी ---
24 अप्रैल 1993 को
तत्कालीन राष्ट्रपति
---- डॉ शंकर दयाल शर्मा
तत्कालीन प्रधानमंत्री ----
पीवी नरसिम्हा राव
पंचायती राज दिवस मनाया जाता है
---- 24 अप्रैल को
पंचायती राज की शुरुआत हुई
--- 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर जिले से
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