मूल अधिकारों का उद्देश्य
मूल अधिकारों के निम्नलिखित उद्देश्य हैं :-
- एक ऐसी सरकार का गठन करना जिसका उद्देश्य व्यक्तियों के हितों में अभिवृद्धि करना हो।
- सरकार की शक्तियों को सीमित करना जिससे सरकार नागरिकों की स्वतंत्रताओं के विरुद्ध अपनी शक्ति का प्रयोग ना कर सके।
- नागरिकों के व्यक्तित्व का विकास करना।
Maulik-Adhikar-Vs-Vidhik-Adhikar |
मूल अधिकार तथा विधिक अधिकार में अंतर :-
मूल अधिकार तथा विधिक अधिकार में निम्नलिखित अंतर हैं :-
- मूल अधिकार संविधान द्वारा प्रदान किए गए हैं, जबकि विधिक अधिकार अधिनियमों द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
- मूल अधिकारों को समाप्त या कम नहीं किए जा सकते, जबकि विधिक अधिकार समाप्त या कम किए जा सकते हैं।
- मूल अधिकार उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों द्वारा परिवर्तित किए जाते हैं, जबकि विधिक अधिकार सामान्य न्यायालयों द्वारा प्रवर्तित किए जाते हैं।
- मूल अधिकारों का उल्लंघन कुछ बातों को छोड़कर केवल राज्य द्वारा ही किया जा सकता है, जबकि विधिक अधिकारों का उल्लंघन सामान्य व्यक्तियों, जिसमें विधिक व्यक्ति भी शामिल है द्वारा ही किया जा सकता है।
- मूल अधिकार विधिक अधिकारों से सर्वोच्च होता है।
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