बांग्लादेश से हिन्दू पलायन
- 25 साल बाद बांग्लादेश में एक भी हिन्दू नहीं बचेगा : CDPHR
- CDPHR ने पाकिस्तान अफगानिस्तान, मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका और तिब्बत में मानवाधिकार को लेकर ये रिपोर्ट तैयार है।
पलायन |
सेंटर फॉर डेमोक्रेटिक प्लूरलिज़्म एड ह्यूमन राइट्स (CDPHR) की एक रिपोर्ट में दावा किया है कि बांग्लादेश में हिन्दुओं की स्थिति बदतर होती जा रही है, तथा उनका पलायन अब भी जारी है। जिस हिसाब से उनका पलायन हो रहा है उस आधार पर कहा जा सकता है कि 25 सालों बाद बांग्लादेश में हिन्दू जनसँख्या 0% हो जाएगी जो भारत के विभाजन के समय 18% तक थी। ढाका विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट अनुसार पिछले 4 दशक से हर साल 2.3 लाख से ज्यादा लोग पलायन कर रहे हैं।
1971 के बाद भी नहीं बदले हालात :
पूर्वी पाकिस्तान से बांग्लादेश बनने के बाद भी हिन्दुओं की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया है। 1971 में पाक सैनिको ने लाखों बांग्लादेशी हिन्दुओं की हत्या की, दुष्कर्म किये, जबरन धर्म परिवर्तन कराया, घर से भगा दिया। वही स्थिति आज भी देखने को मिलता है।
पाकिस्तान में हिन्दू-सिख जनसँख्या 3.5 करोड़ थी जो मात्रा 50 -60 लाख रह है। ज्यादातर हिन्दू -सिख ने उत्पीड़न से तंग आ कर इस्लाम अपना लिया या पलायन कर गए, और जिसने विरोध किया वे मार दिए गए।
अफगानिस्तान में 1970 में 7 लाख हिन्दू रहते थे, जो अब मात्रा २०० परिवारों में सिमट गया है। उनके मानवाधिकार समाप्त कर दिए गए हैं।
तिब्बत में भी यही स्थिति है। चीन ने यहाँ अनेक प्रतिबन्ध लगा रखे हैं।
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