* बौद्ध धर्म की शाखाएँ *
बौद्ध धर्म 2 संगीति में 2 भागों में टूट गया था, वे थे:-
1) हीनयान
2) महायान
1) हीनयान :-
- ये निम्न मार्गी, तथा रूढ़िवादी प्रवृत्ति के हैं |
- मूर्तिपूजा में विश्वास नहीं रखते हैं |
- गौतम बुद्ध को एक महापुरुष मानते हैं |
- यह मूलतः एक रूढ़िवादी धर्म हैं |
- इनका उद्देश्य "अर्हत" को प्राप्त करना हैं |
- इस संप्रदाय के सभी ग्रन्थ पाली भाषा में लिखे गए हैं |
- हीनयान को श्रवणयान भी कहा जाता हैं |
- इस सम्प्रदाय ने बिना किसी परिवर्तन के बुद्ध के मूल उपदेशों को ग्रहण किया |
- यह संप्रदाय श्रीलंका, बर्मा , जावा आदि देशों में फैला |
Gautam Budha |
2) महायान :-
- ये उत्कृष्ट मार्गी, सुधारवादी प्रवृत्ति के हैं |
- मूर्ति पूजा करते हैं |
- बुद्ध को अवतार (भगवान) मानते हैं |
- इस संप्रदाय के ग्रन्थ संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं |
- इस संप्रदाय ने बुद्ध के उपदेशों में कुछ परिवर्तन कर ग्रहण किया है |
- आत्मा और पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं |
- इस संप्रदाय के लोग चीन, जापान, कोरिया, तिब्बत एवं मंगोलिया में रहते हैं |
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