राज्यपाल
संघ की तरह ही राज्य की भी शासन पद्धति संसदीय है। जिस प्रकार संघ की कार्यपालिका प्रमुख राष्ट्रपति होता है, उसी प्रकार राज्य की कार्यपालिका का प्रमुख राज्यपाल होता है, जोकि मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार कार्य करता है।
राज्यपाल से सम्बन्धित सांविधानिक प्रावधान इस प्रकार हैं:-
अनुच्छेद 153:- इस अनुच्छेद अनुसार प्रत्येक राज्य का एक राज्यपाल होगा।
अनुच्छेद 154:- राज्य की कार्यपालिका का प्रधान
इस अनुच्छेद अनुसार राज्यपाल राज्य की कार्यपालिका का प्रधान होता है, जोकि मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार कार्य करता है।
अनुच्छेद 155:- राज्यपाल की नियुक्ति
इस अनुच्छेद अनुसार राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
अनुच्छेद 156:- राज्यपाल की पदावधि
राज्यपाल की पदावधि उसके पद ग्रहण की तिथि से 5 वर्ष तक होती है, लेकिन इस 5 वर्ष की समाप्ति के बाद वह तब तक अपने पद पर बना रहता है, जब तक उसका उत्तराधिकारी पद ग्रहण नहीं कर लेता।
या
राज्यपाल अपनी पदावधि से पूर्व राष्ट्रपति को त्यागपत्र देकर अपना पद त्याग कर सकता है।
या
राष्ट्रपति उसे पदमुक्त कर सकता है।
अनुच्छेद 157:- राज्यपाल पद के लिए योग्यताएँ
1. वह भारत का नागरिक हो,
2. वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर हो,
3. किसी लाभ के पद पर ना हो,
4. वह राज्य विधानसभा का सदस्य चुने जाने के योग्य हो।
अनुच्छेद 158:- राज्यपाल पद के लिए शर्तें
अनुच्छेद 159:- राज्यपाल द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
राज्यपाल को सम्बन्धित राज्य के उच्च न्यायलय का मुख्य न्यायाधीश पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाता है।
अनुच्छेद 160:- कुछ आकस्मिकताओं में राज्यपाल के कार्यों का वहन
अनुच्छेद 161:- क्षमा आदि की मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्तियाँ
लेकिन इस शक्ति का प्रयोग उसके द्वारा उसी सिमा तक किया जा सकता है, जिस सिमा तक राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार है।
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